फिक्र मत करो, यहाँ सारा इंतजाम हो जायेगा.. ....
फिक्र मत करो, यहाँ सारा इंतजाम हो जायेगा.. ....
तुम आओ तो सही, तुम्हारा काम हो जायेगा.....
बस दो चार दिन की तकलीफ है, सब्र रखो ज़रा,
बस ये निपट जाये, फिर सब आराम हो जायेगा....
अगर हो कोई गिला-शिकवा तुम भी कह लो
जहा इतने सही,वहा इक औ' इलज़ाम हो जायेगा......
बहुत कोशिश की, अन्दर की बात अन्दर ही रहे,
बस इतना होगा, अब ये सब सरेआम हो जायेगा......
इसीलिए कहते है शायद,नेकी से दूर रहना ही अच्छा
मदद करने निकला था, नाहक ही बदनाम हो जायेगा.....
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